Thursday 28 December 2017

हमारा यही नारा है चुप रहना ही सहारा है

शिक्षक दिवस पर अध्यापकों की पिटाई और नवरात्र में लड़कियों की पिटाई
मेरा देश वाकई में बदल रहा है और आगे बढ़ के पिटाई कर रहा है
सब ठीक है ये लड़कियां भी देशद्रोही टाइप होंगी शायद, 1000 छात्रों पर FIR जल्दी ही कोई निष्कर्ष निकलेगा शांति बनाये रंखें और हाँ विश्वविद्यालय पढने की जगह है राजनीती की नहीं चुप रहो
मुझे अब उन आंकड़ों का इंतजार है जो ये बताएँगे की उनके समय में BHU में इतनी और उतनी छेड़छाड़ हुई थी
"हमारा यही नारा है चुप रहना ही सहारा है"

नोबेल वाली भारत की किताब

जय शाह और रोबर्ट वाड्रा के तौर तरीकों पर एक किताब लिखी जानी चाहिए और हर विद्यालय में अनिवार्य रूप से पढ़ाई जानी चाहिए ये अमीर बनने के 100 टिप्स से ज्यादा अच्छी किताब होगी। इतने बेहतरीन लोगों के तरीकों का तो लोगों को पता चलना चाहिए महीनों में कैसे हज़ार को करोड़ बनाएं।
इस किताब को लांच होते ही नोबेल भी मिल सकता है अपार संभावनाएं हैं स्किल इंडिया में अनिवार्य कोर्स भी बनाया जा सकता है।

वोट की माया

अपने प्रधानमंत्री जी भी अजब हैं बनारस में कहते हैं अगर कठिन निर्णय मोदी नही लेगा तो कौन लेगा और गुजरात में कहते हैं जीएसटी वाले कठिन निर्णय में कांग्रेस भी सहभागी है
गजब है भाई वोट की माया एक जगह छाती पीटकर मिलते हैं और दूसरी जगह बगले झांककर

जय जय प्रचार

तथाकथित बाढ़ राहत के लिए नित नई घोषणाएं हो रही हैं विकसित प्रदेश में
जैसे कुछ विद्यार्थी परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने से पहले तक पढ़ते रहते हैं
लगे रहो आजकल सब नैतिक है आपके लिए
जय जय प्रचार

ना जाने क्यूँ जिंदा है जिंदगी

ना जाने क्यूँ जिंदा है जिंदगी
इंसान तो कोई जिंदा नहीं
सब कुछ तो कर के देख लिया
कोई पर यहाँ शर्मिंदा नहीं

Thursday 9 November 2017

परम सत्य

वो दावा कर रहा है कि उसने परम सत्य पा लिया, पर वो डरा हुआ हैं कहीं ये सत्य उससे छिन न जाए, वो कहीं किसी और का न हो जाये, वो डींगे हांक रहा है अपने सत्य के प्रचार में बचाव में, अगर यही परम सत्य है तो उसको फिर झांकना चाहिए महलों की टूटी हुई दीवारों के पीछे कहीं वो किसी गुमान में तो नहीं, जिसकी वो ताल ठोक रहा है कहीं वो रेत तो नहीं, जिसकी उसको चिंता है वो फिसल जायेगा| दुनिया में कोई ज्ञात सत्य परम नहीं सिवाय मृत्यु के, जिसको वो बचपन से देख रहा है वो दिन और रात भी तो सत्य नहीं, क्या दिन और रात भी सत्य नहीं, जब उसको ये पता चला तो वो अपने तथाकथित परम सत्य के लिए और घबरा गया, अब उसको इस सत्य के किसी और के द्वारा ले जाने का डर नहीं था पर उसका इस सत्य से विश्वास डगमगा गया था, उसके प्राप्त शून्य में एक लहर उठ गयी थी| उसके अन्दर के ज्ञानी ने उसको कहा सत्य तत्काकालिक होता है वो देश और काल के हिसाब से तय होता है| तो फिर ये किस देश और काल के लिए वो परम सत्य का ढोल पीट रहा था इतना अँधेरा उसकी आँखों के सामने कभी न था|

Monday 23 October 2017

Dispute in Past "Religion", Present "Region" And Imagin Future !!! Reloaded

I visited a house yesterday, it was a Punjabi’s home and I saw two portrait hanging there with foolmalas over them paying same respect, you want to know whom of those portraits were one was of late senior member of that family and one was of Legend of India Late Mr. Subhash Chandra Boss (A Bengali by Birth if I ask some narrow minded persons like ..), I glad after seeing this and think in my mind why some person disturbing these kind of thinking of India and for What reason only for their vote bank. I want to say something to those people who are favoring these cheap mentality persons or political parties please just imagine this “If Mr. Gandhi had thinking like that I am Gujrati and I will do only for Gujarat, Mr. Subhash Chandra Boss for Bengal, Maharani Laxmibai for UP, Bhagat Singh for Punjab and other freedom fighters for their respective region (I think they were not right Politicians) we can’t get released that’s for sure” Now imagine a new thing here if the soldiers will decide they will not go to border if the border is not in their region then where they will go UP soldiers on UP borders, MP on MP, Marathi on Maharashtra and other on there state what will they do there, will they wait for a Raj or a Shivraj to kill other state soldier Is this our future in our Country it is possible if we will blindly support these politicians just because they are from our region. Please think about it and stays connect for INDIA.